नारे, वेल में एंट्री… अब नोटिस की बारी! VB-GRAM G Bill पर विपक्ष फंसा

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया, लेकिन जाते-जाते राजनीति एक और बड़ा टकराव छोड़ गई। लोकसभा के आखिरी दिन VB-GRAM G Bill 2025 पर चर्चा के दौरान हुए कथित अंसदीय आचरण को लेकर मामला अब सीधे विशेषाधिकार हनन तक पहुंच गया है।

क्या है पूरा मामला?

बीजेपी सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने लोकसभा अध्यक्ष को नियम 223 के तहत Privilege Breach & Contempt of House का नोटिस सौंपा है। नोटिस में आरोप है कि 18 दिसंबर 2025 को VB-GRAM G Bill पर बहस के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया। सदन के वेल में प्रवेश किया। अधिकारियों की मेज तक पहुंचकर कार्यवाही में बाधा डाली, यानि बहस कम, ड्रामेटिक प्रदर्शन ज्यादा

मंत्री के जवाब के दौरान बाधा

नोटिस के अनुसार, जब कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री बिल पर जवाब दे रहे थे, उसी समय लगातार नारेबाजी और व्यवधान किया गया।
इससे न सिर्फ सदन की गरिमा प्रभावित हुई बल्कि लोकसभा का सुचारू संचालन भी बाधित हुआ।

किन सांसदों के नाम नोटिस में?

विशेषाधिकार हनन नोटिस में जिन प्रमुख विपक्षी सांसदों के नाम शामिल हैं।

  • हिबी ईडन
  • डीन कुरियाकोस
  • एस. मुरासोली
  • के. गोपीनाथ
  • सशिकांत सेंथिल
  • शफी परंबिल
  • एस. वेंकटेशन
  • जोथिमणि

सूत्रों के मुताबिक, संख्या 8 से अधिक भी हो सकती है।

क्यों गंभीर है यह मामला?

नोटिस में साफ कहा गया है कि यह आचरण:
स्पीकर के अधिकारों की अवहेलना
सदन के अधिकारियों के काम में बाधा
 लोकसभा के सामूहिक विशेषाधिकारों का उल्लंघन

इन तीनों को मिलाकर मामला Contempt of House यानी सदन की अवमानना की श्रेणी में आता है।

आगे क्या?

डॉ. संजय जायसवाल ने लोकसभा अध्यक्ष से मांग की है कि “नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सदन को अखाड़ा समझने की परंपरा खत्म हो।”

अब सबकी नजर इस पर है कि स्पीकर का फैसला कितना सख्त होगा? विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताएगा या आत्ममंथन करेगा?

जब बिल ग्रामीण रोजगार का हो, और सदन में शहरी स्टाइल हंगामा हो जाए — तो लोकतंत्र भी सोच में पड़ जाता है!

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